शादीशुदा महिला की मसाज के बाद जोरदार चुदाई

मसाज़ सेक्स स्टोरी में एक लेडी ने मुझे मसाज के लिए घर बुलाया.शादीशुदा महिला की मसाज के बाद जोरदार चुदाई. वह घर में अकेली थी. मसाज के दौरान ही उसने सेक्स करने को कहा.

प्यारे दोस्तो, आशा करता हूँ आप सभी को मेरी पहली कहानी
पसंद आई होगी, शुक्रिया।

आज फिर से मैं आपके पास एक नई और सच्ची आपबीती घटना को कहानी में लेकर आया हूँ।

ये मसाज़ सेक्स स्टोरी वैसे तो मेरी और मेरे क्लाइंट की है। उसने मुझे मसाज के लिए घर बुलाया था।

मेरा नाम रिंकू है।
मैं छत्तीसगढ़ से हूँ।

मैं औरतों, कपल की बॉडी मसाज करता हूँ। थ्रीसम, समूह में चुदाई और BDSM एवं अन्य सभी प्रकार के सेक्सुअल एक्टिविटी करता हूँ।
यदि कोई औरत सेक्स की प्यासी होती है, तो मैं उसको सेक्स का मज़ा देकर सैटिस्फाइड भी करता हूँ।

जब से मैं एक्टिव हुआ हूँ, प्रोफाइल देखकर मुझे बहुत कपल और महिलाओं के गुप्त मैसेज आते हैं, मसाज के लिए कॉल भी आते रहते हैं।

एक दिन ऐसे ही एक मैसेज मुझे आया।
वो एक महिला का था।

मैंने सभी तरह से कन्फर्म किया कि वास्तव में उसको बॉडी मसाज करानी थी।

उस औरत से मैंने नाम और पता पूछा, उससे मसाज कराने की तारीख भी पूछी।

वो छत्तीसगढ़ से बाहर की थी।
उसने मुझे अगले महीने की 20 तारीख बताई।

मैंने कहा कि ठीक है।
फिर मैंने अपॉइंटमेंट फिक्स कर ली।

उस महिला का नाम राखी था। वो बैंगलोर की रहने वाली थी।

मैं बताई तारीख को फ्लाइट से निकल गया।
20 को बैंगलोर पहुँचकर होटल में रूम लेकर रुक गया।

थोड़ा आराम करने के बाद नहा-धोकर मैंने उसको कॉल किया- मैं हॉर्नी बाबाजी बोल रहा हूँ और मैं बैंगलोर आ गया हूँ। मुझे आपके यहाँ कब और कैसे आना है?

उसने मुझे बताया- आप आज ही 3 बजे तक मेरे घर आ जाओ।
मैंने कहा- ठीक है… आता हूँ।

मैंने फोन कट किया और आराम करने लगा।
कुछ देर बाद उठकर मैं फिर से नहाने गया।

दो बजे होटल से निकलकर राखी के घर के लिए रवाना हो गया।

मैं 30-40 मिनट बाद उसके घर पर पहुँच गया, उसके घर की घंटी बजाई।

जब दरवाजा खुला, तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गईं।
एक हसीन और सेक्सी मॉडल जैसी औरत मेरे सामने थी।
मैंने आज तक इतनी बला की खूबसूरत महिला की मसाज नहीं की थी।
इसलिए मैं कुछ देर उसको देखता ही रह गया।

उसने कहा- आप कौन हैं? आपका परिचय?
मैंने कहा- जी, मैं हॉर्नी बाबाजी हूँ, छत्तीसगढ़ से आया हूँ। आपने मुझे टेलीग्राम में अपॉइंटमेंट लिया था और मसाज के लिए बुलाया था।

उसने कहा- दरवाजे पर ही रुकेंगे या अंदर आएँगे?
मैं निःशब्द था। फिर खुद को संभालते हुए बोला- हाँ हाँ, क्यों नहीं। मैं अंदर आता हूँ आपके पीछे!

मैं उसके पीछे चलकर अंदर हॉल में आ गया।

उसने मुझे सोफे में बिठाया, ठंडे पानी का गिलास दिया।
मैं उसे एकटक देखते-देखते एक ही बार में सारा पानी पी गया।

दोस्तो, क्या बताऊँ उसके बारे में …
बस यही सोच लो कि उसको बनाने वाले ने उसे फुर्सत से बनाया था।
उसकी भूरी आँखें, काले लंबे-लंबे कमर तक बाल।
उसके होंठ गुलाब की पंखुरियों से कोमल गुलाबी।
छरहरा बदन, मानो कोई अप्सरा धरती पर उतर आई हो।

दस मिनट की औपचारिकता भरी बातों के बाद हमारी काम की बातें चालू हुईं।

मैंने कहा- आपको मसाज करानी है! आप पहले नहा लीजिए, मैं इंतज़ार करता हूँ। फिर मैं आपकी मसाज कर सकता हूँ।

उसने मुझसे कहा- क्यों, बिना नहाए मसाज नहीं होगा?

मैंने समझाया तो वो मान गई, बोली- ठीक है बाबाजी, आप मेरे पीछे मेरे कमरे में चलिए। वहीं पर आपको मेरी मसाज करनी है।

मैंने कहा- ठीक है… मुझे कोई आपत्ति नहीं।

वो उठकर चलने लगी, मैं उसके पीछे चला।

उसके कमरे में पहुँचकर उसने मुझे पलंग पर बैठने को कहा।
वो नहाने चली गई।

उस कमरे में, जो उसका बेडरूम था, मैंने एक आदमी की तस्वीर देखी।

शायद वो उसका पति होगा, मेरे दिमाग में ये ख्याल आया।
मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया, इग्नोर किया।

मेरे बैग से मैंने तेल और जैल निकालकर बगल की टेबल पर रख दिया।

अपनी वाइब्रेशन वाली मशीन साइड में रखकर प्लग देखने लगा।
पलंग के बाजू में ही स्विच बोर्ड मिल गया।

फिर मैं पलंग पर ही बैठ गया।

करीब 20 मिनट के बाद वो बाथरूम से बाहर निकली।
गीले बालों में, दूधिया रंग लिए कमर तक टॉवल लपेटे हुए।
मैंने उसको देखा और उसको ऐसे देखकर यही सोच रहा था कि ये खुद टॉवल खोलेगी या मैं खोलूँ।

कुछ देर आईने के सामने हेयर ड्रायर से बाल सुखाने के बाद वो फ्री हुई।

तब तक मैं उसे, उसके बदन को स्कैनर जैसे ऊपर से नीचे तक आँखों से ही स्कैन कर चुका था।

फिर मैंने कहा- आप यहाँ पलंग पर आराम से लेट जाओ। ये टॉवल खोल दीजिए।

उसने मेरी ओर कामुकता से ऐसे देखा जैसे मुझे अभी खा जाएगी पूरा का पूरा!

पलंग पर धीरे से लेटते हुए अपना टॉवल खोल दिया।
उसने अंदर कुछ भी नहीं पहना हुआ था।

फिर मैंने कहा- राखी जी, आपको शर्म तो नहीं आ रही है ना?

वो इतराते हुए हँसी।
उसका ये पहला एक्सपीरियंस नहीं है, मुझे ऐसा लगा।

उसका नंगा बदन तो ऐसा था… जैसे रुई हो।
बिल्कुल मखमली बदन पर एक बाल नहीं।
उसकी गांड क्या खूब थी, उसकी कमर 34 इंच की थी।

मेरे मुँह से दबी जुबान से “वाह, क्या गांड है” निकल गया।

उसने सुन लिया तो उसने कहा- शुक्रिया! पहले किसी ने मेरी ऐसी तारीफ नहीं की।

मैं अवाक रह गया।

फिर मैंने उसकी पीठ पर तेल की धार गिराकर उसकी कमर पर हाथ लगाया।
तो और मज़ा आ गया।
क्या नाजुक मगर चौड़ी कमर थी उसकी।

फिर मैंने उसकी मसाज शुरू की।

उससे धीरे-धीरे मसाज करते-करते बातें करना चालू किया।

बातों से पता चला कि वो बैंगलोर में अकेली रहती है।
उसका मायका मध्य प्रदेश में जबलपुर में है।
उसका पति किसी MNC में कार्यरत है।
वो महीने या 2 महीने में एक हफ्ते के लिए ही आता है।

बातें करते-करते उससे पूछा- इसके पहले आपने कभी मसाज करवाई है?
उसने कहा- नहीं-नहीं, मेरा पहली बार है।

उसने मेरे अनुभव को गलत साबित कर दिया था।

फिर बात करते-करते मैंने उसकी गांड के छेद में उंगली डाली।

तो वो “आ आआ आहह हह” करके दर्द महसूस करने लगी।

राखी बोली- प्लीज़, आप ऐसे मत करिए वहाँ! दर्द होता है।

मैंने उसे समझाया- फुल बॉडी मसाज में ये सब शामिल होता है। क्योंकि बॉडी के हर हिस्से को नरिश करके डीप टिश्यू मसाज करने के लिए गांड में तेल की जरूरत होती है।

वो मान गई- ठीक है, आपको जैसा अच्छा लगे कीजिए. पर आहिस्ता-आहिस्ता कीजिए, मुझे आनंद चाहिए।

मैंने कहा- ठीक है. आप आराम से पीठ के बल लेटिए। आँखें बंद करके मेरे मसाज को एहसास में महसूस करिए। आपको बिल्कुल दर्द नहीं होगा।

मैं उसकी गांड के छेद में उंगली डालकर, छेद में तेल गिराकर उंगली डालकर मज़ा देने लगा।

उसको भी मज़ा आ रहा था।
अब उसकी हिचक मानो खत्म हो चुकी थी।

फिर मैंने कहा- अब आप सीधा होकर लेट जाइए।

लग रहा था कि वो तो बस इसी इंतज़ार में कब से थी।
वो बिना विलंब किए सीधी लेट गई।

उसने अपने मम्मों पर अपने एक हाथ रखकर ढक लिया।

मैंने कहा- आप अपना हाथ वहाँ से हटाइए, शर्माइए मत!
उसने कहा- नहीं-नहीं, मुझे शर्म आ रही है.

मैंने उसकी हिम्मत बढ़ाते हुए प्यार से उसके बदन पर हाथ फेरते हुए कहा- राखी जी, कोई शर्माने वाली बात नहीं। आपके घर में केवल हम दो प्राणी हैं, एक आप और एक मैं! कोई बात नहीं … शर्म तो बस दो मिनट ही आएगी. कब जाएगी आपको पता भी नहीं चलेगा।

इस बात पर वो मान गई; फिर उसने अपना हाथ हटा दिया।

उफ्फ … क्या दिलकश नजारा था … लंड को खड़ा कर देने वाला था।

दोस्तो, उसकी एक-एक बूब करीब 34 डबल डी साइज़ की रही होंगी।
एकदम गोरे-गोरे, निप्पल्स भी हल्के भूरे रंग के।
निप्पल के बाहर का हिस्सा लाइट गुलाबी-भूरे रंग का।

मेरा मन तो निचोड़-निचोड़ कर सारा दूध पी लेने का हो रहा था।

मगर मसाज करना था। तो मैंने खुद को काबू करते हुए उसके गोरे-गोरे बूब्स पर तेल गिराया, राउंड-राउंड घूमावदार मसाज शुरू किया।

फिर निप्पल को अंगूठे और उंगली में दबाकर ऊपर की तरफ खींचा।

बगल से दबाते, सब एकदम उत्तेजित करने वाले मसाज ट्रिक से मसाज करने लगा।

उसे भनक नहीं थी कि मेरे मन में क्या चल रहा है।
निश्चिंत होकर वो मुँह से सिसकारियाँ लेते हुए मसाज ले रही थी।

मैं एकदम शरीफ, मासूमियत से मसाज कर रहा था।

उसकी चूत पर एक बाल नहीं था। लग रहा था कि बाल आते होंगे या नहीं।
नाजुक सी, अनछुई।

मेरा लंड अपनी तैयारी में था।

बात करते-करते मैं उसके कमर पर आकर मसाज कर रहा था।

तो उसे मेरे कडक लंड का अनुभव मिल रहा था।

वो बोली- आप चाहें तो अपना अंडरवियर उतार सकते हैं।

मानो मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था।
मैं तो इसी के इंतज़ार में ही था।

मैं मसाज करते-करते पूछा- आपको मेरा मसाज कैसा महसूस हो रहा है?

राखी ने कहा- बाबाजी, आपके हाथों में जादू है। अब तक मैं इतनी उत्तेजित महसूस नहीं की। जितना आज खुद को महसूस कर रही हूँ। आप सच में कमाल के बंदे हो।

ये बोलते हुए वो मेरे लंड को कामुकता भरी नज़रों से घूर रही थी।

मैंने उसकी नज़रों को पढ़ लिया था।
मेरा अनुभव कह रहा था कि आज तो ये चुदेगी जोरदार!

मैंने तारीफ करते हुए पूछा- राखी जी, आपने ख़ास आज के लिए वैक्स करवाया था क्या?

राखी बोली- नहीं तो, मेरी चूत में बाल नहीं के बराबर आते हैं। कुछ दिनों पहले, करीब एक हफ्ता ही रहा, साफ किए थे।

मैंने बोला- एकदम ताज़ी लग रही है। जैसे आज ही वैक्स कराई हो।

वो हँसी, मैं भी हँस दिया।

उसने फिर कहा- आप तो बातों के भी जादूगर हो। आप जानते हो कि किसी महिला को कैसे खुश करना है।

मैंने स्माइल देते हुए थैंक यू कहा।

राखी बोली- एक तो मेरा पति कई-कई दिनों में आता है और मुझे ढंग से खुश भी नहीं करता, ऐसे ही चला जाता है। कई दिनों से इस बंजर ज़मीन पर बारिश की बूँदें नहीं पड़ी हैं। शायद इसलिए आपको ऐसा लग रहा है।

मैंने मौका न गँवाते हुए उसकी चूत में उंगली डाल दी, तेल से उसकी चूत की मालिश करने लगा।

उसकी चूत में मैं उंगली हिलाने लगा, अंदर-बाहर करने लगा।

इससे उसकी “आआ हह हह” निकलने लगी। वो और भी तेजी से उत्तेजित होने लगी।

वह अपनी जाँघों के बीच मेरे हाथों को दबाती।
मैं उसकी जाँघें खोल देता।

वो मदहोशी में अपने होंठों को अपने दाँतों से दबा रही थी।
मेरा लंड ये देखकर उसे चोदने को बेताब हो पड़ा था।

उसके चेहरे के भाव से लग रहा था कि वो अब मस्त हो गई है।
मैं भी मज़े से उसकी चूत में उंगली डाल-डालकर उसको मज़ा दे रहा था।
इसमें मुझे भी मज़ा आ रहा था।

थोड़ी देर में उसकी चूत से मुझे कुछ गर्म-गर्म सा चिपचिपा पानी निकलने जैसा महसूस हुआ।

उसकी चूत फड़फड़ाने लगी थी।
जिसकी वजह से मैं खुद को उसके चूत का रस पीने से रोक नहीं पाया।

मैंने अपने मुँह को उसकी जाँघ के बीच टिका दिया और चूत से जीभ को लगाकर बारी-बारी से उसके चूत के गुलाबी-गुलाबी होंठों को चूसने लगा, चाटने लगा।

वो मुझे ऐसा करने से खुद को रोक नहीं पाई।
वह खुद इसके मज़े लेने लगी।

मैं भी नहीं रुका क्योंकि मैं जो चाहता था, वो हो रहा था।

करीब 10 मिनट तक मैंने उसकी चूत जमकर चाटी, गर्म-गर्म जूस पिया।

उसकी चूत कचोरी की तरह फूल चुकी थी, रस अब भी टपक रहा था, साँसें तेज़-तेज़ चल रही थीं।

वो तृप्त हो चुकी थी। वो मुझे बेहद प्यार भरी नज़रों से देख रही थी।

तब वह बोली- यार, अब देर न करो, मुझे पूरा कर दो। प्लीज़, मुझे चोद डालो।

फिर बस वही हुआ… जो होने वाला था।

मैं Xxx मसाज़ सेक्स का इतना अच्छा मौका हाथों से कैसे जाने देता। मैंने अपना लंड निकालकर उसकी चूत के मुँह पर रगड़ना शुरू किया।

उसका बदन ऊपर-नीचे होने लगा जैसे मेरा मुसल जैसा काला लंड अंदर लेने के लिए बेताब हो रही हो।

मुझसे भी अब रहा नहीं गया, एक ही झटके से पूरा सुपाड़ा उसकी चूत के अंदर डालकर रुक गया।

वो दर्द के मारे छटपटा उठी, “उह्म्म म्मम्मा आआआ अअअ अअह्ह ह्ह्ह, बहुत दर्द हो रहा है। “प्लीज़ निकाल दो बाहर!”

मैंने उसकी बात न सुनी, मैं उसके होंठों पर अपने होंठ रखकर चूमने लगा।

करीब 5 मिनट तक मैं ऐसे ही उसे चूमने में बिजी रखा ताकि उसका ध्यान दर्द से हटे।

अब वो सहज महसूस करने लगी।

मैं धीरे-धीरे अपना लंड अंदर-बाहर कर रहा था।

उसकी चूत एकदम टाइट थी जैसे कुंवारी चूत हो, जिसका किसी ने सील न तोड़ा हो।

धीरे-धीरे मैंने अपना स्पीड बढ़ाना शुरू किया।
उसकी चूत से चिपचिपा गाढ़ा रस निकलने लगा।

जो उसकी चूत से निकल रहा था और गांड से होकर बिस्तर में गिर रहा था।

करीब-करीब 20-25 मिनट तक मैंने उसे कभी आराम से, कभी तेज़ चोदा।

अचानक से उसका पूरा बदन अकड़ने लगा, वो खुद को झड़ने से रोक न पाई।

सारा बिस्तर उसके रस से गीला हो चुका था।
वो पूरी तरह निढाल हो गई।

मैं भी कुछ देर उसके ऊपर लेटा रहा लंड अंदर डाले हुए।

15-20 मिनट बाद जब मैंने अपना लंड बाहर निकाला।

तो आप सोच भी नहीं सकते क्या हुआ होगा।
उसकी चूत के खून से मेरे सुपाड़े के 2-2.5 इंच नीचे खून का एक रिंग जैसा बना दिखाई दिया।

मैंने पूछा उससे- तुम कितने दिनों बाद चुद रही हो?
वो बोली- 6 महीने बाद।

फिर मैंने उसे अपना लंड दिखाया- देखो क्या हुआ आज तुम्हारे साथ?

वो देखकर बोली- उफ् … हैं! खून निकला है मेरी चूत से।

मेरे लंड को वो आश्चर्य से देखते हुए बोली- मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आपके लंड डालने से इतना दर्द क्यों महसूस हुआ। अब समझ आया।

प्यार से वो मेरे काले लंड को हाथों में लेकर चूमने लगी- आज आपने मुझे सही मायनों में लड़की से औरत बनाया। आई लव यू!

वो बोली- यार, 6 महीने में इस चूत में एक बार लंड डलता है तो वो मेरी चूत प्यासी तो होगी ना।

फिर मैंने उसे 69 पोज सिखाया।
सीजर, अमेज़न, डॉगी, सब पोज में बारी-बारी हार्डकोर चुदाई की।

वो पागल हो चुकी थी मेरे शॉट्स से!

हम निढाल एक-दूसरे की बाहों में देर तक पड़े रहे।

रात काफ़ी हो चुकी थी तो उसने मुझे रुकने के लिए मना लिया।

हमने साथ में खाना खाया।
साथ में ही नहाए, फिर बिना कपड़ों के सो गए।

सुबह मैंने कहा- अब मुझे निकलना होगा।

उसने मेरे बैग को मेरे हाथों से छीनते हुए कहा- कल की आपका कितनी फीस हुई?
मैंने बता दिया.

वो मुझे रोककर रूम गई और लाकर मुझे पैसे दिये।
मैं बहुत खुश था।

उसने कहा- मैं चाहती हूँ आप आज और रुकें। आपके आने-जाने का और फीस अलग दे रही हूँ।

उसने और पैसे मेरे पॉकेट में डाले, बोली- आप आज मुझे जी भर के चोदना होगा।
मैंने अपने आप से कहा- नेकी और पूछ-पूछ!

फ्रेश तो मैं हो चुका ही था।

वो बोली- कुछ देर बाद मैं नहाकर आती हूँ। शॉपिंग करने चलेंगे।

15 मिनट में वो रेडी होकर आई।

हम मॉल गए, उसने मेरी पसंद के ड्रेस लिए।
फिर हम करीब 6 बजे घूमने-फिरने के बाद वापस आए।

दोनों फ्रेश हुएम साथ में बाहों में बाहें डालकर पड़े रहे रोमांटिक मूवी देखते हुए।

उसने घर पर खाना मंगा रखा था।

जल्दी खा लेने के बाद करीब 8 बजे रात में फिर से चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया।

हमने 69 पोज में एक-दूसरे की चूत और लंड चूसने का खूब मज़ा लिया।

वो इस बार काफ़ी उत्तेजित थी, उसने मुझे कंडोम यूज़ नहीं करने दिया।

उसने अपनी चूत के मुँह में मेरा लंड रखा और बैठ गई।
वह मेरे लंड पर खूब जोर-जोर से खुद रही थी।
बार-बार उसके मुँह से निकल रहा था- उफ जान, बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। आपका सख्त काला लंड मेरी वासना को और बढ़ा रहा है। बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है। इतना सख्त लंड काश मेरे पति का होता। उफ आआ आआह हह ऊऊ ऊह ह्ह्ह।

2 राउंड लगातार वो मेरे काले लंड पर चढ़कर खूब कूदी।
फिर मैंने उसे गोद में बनाकर जोरदार शॉट पे शॉट लगाए।

फिर मैंने आखिरी राउंड में उसे घोड़ी के पोज में पीछे से डाला, मैंने उसके बाल खींचे और खूब जोर-जोर से शॉट लगाए।

उसकी गांड से पाद भी निकल गई।

फिर इसी पोज में उसे आधा खड़ा करके खड़े-खड़े पीछे से लगातार चुदाई की।

फिर वो मेरे लंड को चूत में लेकर सो गई।
मैं भी अपनी बाहों में उसे जकड़कर सो गया।

10 बजे हम उठे, फ्रेश हुए।

फिर मैं अपने घर के लिए वापस निकलने लगा।

पर उसने मुझे पीछे जोरदार धक्का देकर सोफे में गिरा दिया और मेरे लंड के ऊपर चढ़ गई।

वह पागलों की तरह से मुझे चूमने लगी, फिर बोली- मैं आज खुश हूँ… आई फील सो लकी। दोबारा कब आओगे?
मैंने कहा- आप जब फिर से बुलाओ।

वो बोली- यहीं रुक जाओ।
मैं बोला- अभी तो जाना पड़ेगा।

वो बोली- अपना पर्सनल नंबर दो।
मैंने नंबर दे दिया।

वो बोली- मैं जबलपुर आऊँगी, तो मिलने आओगे ना? वादा करो।
मैं बोला- जी, बिल्कुल!

वो फिर से चूमने लगी, बोली- मुझे आपके लंड से प्यार हो गया है। बहुत सख्त, तगड़ा, काला और घोड़े जैसा बड़ा लंड। मैंने पहली बार देखा और मज़ा लिया। मैं चाहती हूँ, जब भी आऊँ या आपको बुलाऊँ, आना पड़ेगा।

मैं उसे मना नहीं कर पाया, हाँ बोल दिया।

अब जब मैं घर वापस पहुँचा तो उसके कई मैसेज आए हुए थे जिनमें ज्यादातर “अपना कीमती समय देने और मुझे पूरा करने के लिए थैंक्स अ लॉट, आई लव यू… मिस यू सो मच…” लिखा था।

अगले दिन उसने कॉल किया, बोली- जान, बहुत दर्द है अभी तक मेरी चूत में! चलने में दर्द हो रहा है!

3 महीने बाद वो जबलपुर अपने मायके आई, उसने मेरा रूम बुक करवाया, सुबह-शाम मुझसे चुदवाती।

अब तो वह रंडियों की तरह मुझसे चुदवाती है.
जब भी उसका मूड होता है, मुझे सीधे कॉल करके हक जताते हुए बोलती है- आ जाओ, मैं इंतज़ार कर रही हूँ।

अब तो मुझे भी अच्छा महसूस होता है।
तो दोस्तो, कैसी लगी मेरी ये आपबीती सेक्स की कहानी? आप कमेंट करके मेरे इस ईमेल में जरूर बताएँ।
मसाज़ सेक्स स्टोरी पढ़ कर किस-किस की चूत में आग लगी? पैंटी के अंदर गीला-गीला महसूस हुआ?

मुझे इसमें मेल करके बताओ। आपको जरूर जवाब मिलेगा।
जल्दी मिलते हैं एक नए अनुभव की कहानी के साथ।

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